फैक्ट्री में MANGO Juice कैसे बनता है ? || How Mango Juice Is Produced In Factory

How Mango Juice Is Produced In Factory

दोस्तों, गर्मियों के मौसम में चिलचिलाती गर्मी में असली मजा तो Maaza और Frooti पीने में आता है लेकिन कई बार इन्हें पीने के दौरान हमारे मन में यह ख्याल भी आता है कि क्या सचमुच फैक्ट्री में इन drinks को बनाते समय सिर्फ आमों का use किया जाता है या फिर इनमें आमों की जगह artificial flavour को add किया जाता है। आखिर यह drinks फैक्ट्री में बनते तो कैसे बनते हैं, क्या वाकई Maaza और Frooti का अत्यधिक सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है! जानेंगे हम सब कुछ

दोस्तों, वैसे आपको बता दें कि फैक्ट्री में Maaza और Frooti बनते तो fresh mangoes से ही हैं लेकिन फिर भी अगर आप Maaza और Frooti की bottles को देखेंगे तो आपको bottle के ऊपर लिखा दिख जाएगा कि इसमें artificial flavours add किए गए हैं। इसकी वजह को समझने के लिए हमें स्टार्टिंग से देखेंगे कि फैक्ट्री में mango juice बनते कैसे हैं और ऐसी क्या जरूरत आन पड़ती है कि इसमें artificial flavours को add करना पड़ता है।

दोस्तों, यहां सबसे पहले हम देखेंगे कि mango juice ready करने के लिए factory तक mangoes को पहुंचाया कैसे जाता है? जैसा कि आप सब जानते होंगे की आम के पेड़ काफी बड़े बड़े होते हैं और ऐसे में इन पेड़ों पर से आम को उतारना भी एक बड़ा काम होता है क्योंकी ऊंचे पेड़ों तक हाथ तो पहुंच नही पाते हैं। नीचे के आमों को तो लोग easily हाथों से तोड़ लेते हैं लेकिन ऊपर के आमों को तोड़ने के लिए लोग picking stick की help लेते हैं। इस picking stick में सामने की तरफ Mechanical jaws होते हैं जिसकी help से लोग आम को आसानी से टहनियों से कट करके उतार लेते हैं लेकिन पेड़ के सबसे ऊपर के आमों को उतारने के लिए लोग Hydraulic Ladder का सहारा लेते हैं। ये Hydraulic Ladder क्रेन से जुड़े होते हैं जैसा कि आप सब देख सकते हैं और फिर इसी की मदद से आमों को नीचे उतारा जाता है।

पेड़ों से आमों को नीचे उतारने के बाद सबसे पहला काम इन आमों में से stem और इसकी डंडियों को remove करना होता है। जैसे ही आमों से stem को अलग किया जाता है उसमें से Sap निकलने लगता है। ये sap काफी खतरनाक होते हैं, अगर ये skin पर लग जाए तो skin को जला सकता है, और अगर ये आमों पर गिर जाए तो उसे खराब कर सकता है इसलिए आमों से Sap निकालने के बाद इन्हें direct एक trampoline में डाला जाता है। Trampoline में डालने के बाद इन आमों पर chemicals का छिड़काव किया जाता है, कई जगहों पर आमों को Trampoline में न डालकर इन्हें पानी में एक मिनट तक डूबो कर रख दिया जाता है, ताकी Sap का प्रभाव कम हो जाए।

इसके बाद इन आमों को एक जगह collect करने के लिए Elevator Ladder पर रखकर Bowl bin की तरफ भेजा जाता है। आम यहां पूरी तरह से पके होते हैं और वे Bowl bin में एक दूसरे के ऊपर गिरकर damage न हो इसलिए Bowl bin के ऊपर foam लगा दिया जाता है और foam पर ही आमों को गिराया जाता है। फिर धीरे से foam को हटाकर आमों को Bowl bin में collect कर लिया जाता है। इसके बाद इन सभी आमों को स्टोर करने के लिए स्टोर हाउस में भेजा दिया जाता है, यहां से इन सभी आमों को ट्रकों में भरकर फैक्ट्री में जूस बनाने के लिए भेजा जाता है। फैक्ट्री में पहुंचने पर ट्रकों को workers की help से Unload किया जाता है और फिर यहां से start होती है mango juice बनाने का process. 

Mango Juice बनाने के लिए सबसे पहले आम को दो तरह के वॉशिंग प्रोसेस से गुजारा जाता है। First process में आमों को केवल पानी से धूला जाता है जबकि सेकंड process में आमों को अच्छे से wash करने के लिए rollers की मदद ली जाती है। ताकि आमों को चारों तरफ से अच्छे से clean किया जा सके। आम के ऊपर जरा सा भी धूल कण मौजूद हो तो ये पूरे जूस को खराब कर सकता है, इसलिए जूस निकालने से पहले बड़ी बारीकी से आम की सफाई की जाती है। 

आम को पूरी तरह से साफ करने के बाद इन आमों को Preheating & softening process से गुजारा जाता है, जहां पर आमों को गर्म पानी में 3 से 5 मिनट के लिए रखा जाता है। ऐसा करने से आमों का फ्लेवर और कलर पहले से काफी बेहतर हो जाता है। और साथ ही आमों पर मौजूद Polyphenol Oxidase भी रिमूव हो जाता है, इसके बाद आम जूस निकालने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाता है।  

अब इन आमों को conveyor belt की help से आगे की तरफ बढाया जाता हैं। जैसा कि आप देख सकते हैं इस conveyor belt के अगल-बगल फैक्ट्री के workers खड़े होते हैं जो इन आमों का visual inspection करते हैं जिसमें damage या खराब आमों को वे अलग करते जाते हैं। आगे कुछ अन्य workers भी होते हैं जो आमों के ऊपरी भाग को काट कर आमों को  conveyor belt की help से आगे बढ़ाते जाते हैं। यहां से आम बढ़ते हुए Destoning machine तक पहुंचाए जाते हैं। 

Destoning machine आमों से उसके छिलके और गुठलियों को बहुत ही सफाई से अलग कर देता है। ये मशीन आम से छिलकों और गुठलियों को बड़ी ही बारीकी से अलग करते हैं, ताकि जूस में छिलके का कोई असर न रहे।

छिलके और गुठली निकालने के बाद इन सभी आमों को एक pulping और Extractor Machine के अंदर भेजा जाता हैं जहां यह आम, आम से जूस में तब्दील हो जाते हैं। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें, यहां जूस की दो कैटेगरी बनती है with pulp और without pulp. इन दोनों ही तरह के जूस को निकालने के लिए अलग-अलग filters का use किया जाता है। इस जूस को निकालने के बाद अब बारी आती है इस जूस में से air particles को निकालने की ताकि जूस में मौजूद ऑक्सीजन जूस को oxidized करके खराब ना कर दे।

इस process के लिए juice को juice degrasser में भेजा जाता है। जहां juice को 90 से 95 डिग्री सेल्सियस के temperature पर 10 से 15 मिनट तक रखा जाता है। यहां मैंगो जूस के साथ एक परेशानी यह भी है कि अब तक इसकी density सामान नहीं हुई होती है। इसमें कुछ छोटे और कुछ बड़े पार्टिकल्स होते हैं। Juice का texture खराब ना हो, इसलिए इस परेशानी से बचने के लिए इस juice को Homogeniser Machine में डाला जाता है। जहां पर इसे 20-25 mega Pascal pressure पर 2–3 baar Homogenise किया जाएगा, जिसके बाद इस मैंगो जूस के सारे के सारे particles 1-5 micrometers के size के हो जाते हैं। 

तैयार juice में किसी प्रकार की कोई हानिकारक बैक्टीरिया ना हो, इसलिए इसे Sterilisation Process के लिए आगे भेज दिया जाता है। Sterilisation Process एक ऐसा process है जो हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में सहायक होता है। यहां mango juice को Sterilisation machine में डालकर 62-65 Degree Celcius के बीच कई cycles में heat किया जाता है और फिर इसे ठंडा किया जाता है जिसके बाद आपका mango juice पूरी तरह ready हो जाता है, और अब इस mango juice को store करने के लिए इसे बड़े-बड़े स्टोरेज tanks में डालकर store किया जाता है, ताकि आम का सीजन खत्म होने के बाद भी कंपनी इस mango juice को easily बेच सके। 

अब बाकी juice को factory के bottling plant की तरफ भेज दिया जाता है। जहां सबसे पहले मशीन की सहायता से बोतल को धोकर sterilized कर लिया जाता है और फिर इन Bottels में जूस को भरकर एक बार फिर मशीन की सहायता से इन bottles में caps को फिक्स कर दिया जाता है जिसके बाद इन बोतलों पर Labeling कर दी जाती है और फिर यहां से आप सबका favourite mango juice मार्केट में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है।

दोस्तों, आपमें से बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि जब पूरे जूस को mangoes से ही तैयार किया जाता है तो फिर Maaza और Frooti की bottles के ingredients में artificial flavours क्यों add किया गया होता है, तो दोस्तों आपको बता दें कि इसकी वजह यह है कि जब जूस को लंबे समय तक स्टोर किया जाता है तो जूस धीरे-धीरे अपना फ्लेवर खोने लगता है। इसलिए companies इसमें artificial flavours add करते हैं ताकि एक निश्चित समय तक इनका flavour बना रहे और यही वजह है कि Maaza और Frooti जैसे मैंगो जूस की bottles पर ingredients के list में artificial flavours को भी शामिल किया जाता है।

दोस्तों, bottel बंद ये mango juice पीने में तो काफी स्वादिष्ट और मीठा होता है, यहां तक की इसका नाम सुनते ही मुँह में पानी भी आ जाता है, और गर्मियों में तो यह एक अमृत के सामान होता है, लेकिन अमृत भी एक उचित मात्रा में लेने से ही फायदा होता है, अगर उसका भी अधिक सेवन हो तो वो हमारे शरीर के लिए नुकसान दायक हो सकता है। 

दोस्तों, कंपनिया अपने mango juice को टेस्ट में स्वादिष्ट और मीठा बनाना चाहती हैं और इसलिए मार्केट में बिकने वाले इस mango juice में अधिक मात्रा में चीनी यानि की शुगर को add किया जाता है। ऐसे में इसका अत्यधिक सेवन करने से blood sugar level में बढ़ोतरी हो सकती है और आगे चलके इसके काफी घातक परिणाम हो सकते है। इतना ही नहीं mango juice का सेवन करने से आपके चेहरे पर पिंपल्स हो सकते है। आम में अधिक कैलोरीज होती है, जिससे आपके वजन बढ़ने का भी खतरा रहता है। Mango juice ज्यादा पीने से शरीर पर घमोरियां भी निकल सकती हैं। उसी के साथ Mango juice का ज्यादा सेवन करने से आपके शरीर में गर्मी पैदा हो सकती है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है। जिसके अत्यधिक सेवन से आप दस्त जैसी बीमारियों से ग्रसित हो सकते है। दोस्तों, अगर काफी ज्यादा मैंगो जूस पीते हैं तो फिर यह मैैंगो जूस नहीं बल्कि आपके सेहत को नुकसान पहुंचाने वाला पीला जहर बन जाता है, जो धीरे-धीरे आपके शरीर को खोखला कर देगा। इसलिए दोस्तों एक निश्चित मात्रा में ही आप इन bottel बंद mango juice का सेवन करें।

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