हिमालय के सबसे बड़े रहस्य | BIGGEST MYSTERIES OF Himalayas

BIGGEST MYSTERIES OF Himalayas

दोस्तों, दुनिया में रहस्यों की कोई कमी नहीं है। इंसानी सोच और विज्ञान से परे ऐसे कई रहस्य हैं जिनके सामने विज्ञान भी नतमस्तक हो गया है और बात अगर हिमालय के पहाड़ियों की करें तो इसमें रहस्यों का भंडार छिपा हुआ है। जी हां, हिमालय पर कुछ ऐसी चीजें या घटनाएं हैं, जो क्या है? क्यों है? इन सभी सवालों पर आज भी लोगों के लिए question mark लगा हुआ है। तो दोस्तों, हिमालय के वादियों के कुछ ऐसे ही रहस्यों का जिक्र आज हम आपके सामने करने जा रहे हैं जिनके बारे में जानकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे

दोस्तों, उत्तर में बर्फ की चादर ओढ़े प्रहरी बनकर खड़ा विशाल हिमालय किसी तारीफ़ का मोहताज नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, हिमालय की यह विशाल पर्वत श्रृंखला लगभग 1500 ग्लेशियर से घिरी हुई है और हिमालय की सीमाएं भारत, पकिस्तान, नेपाल, भूटान और चीन को छूती हुई नजर आती हैं। यहां आपको साफ पानी के कई स्त्रोत देखने को मिल जाएंगे, जिनमें सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी शामिल है।

रहस्यमई योगी

दोस्तों, प्राचीन काल से ही हिमालय योगियों का घर रहा है। योगी जाते तो हैं हिमालय पर तप करने, लेकीन वहां जाने के बाद उन्हें उस जगह से इस कदर प्रेम हो जाता है कि वे उसे अपना घर बना लेते हैं। लेकिन यहां सोचने वाली बात तो यह है कि हिमालय के इस ठंडे इलाकों में जहां इंसान अपने शरीर पर कपड़े लादकर भी खुद को जिंदा रखने में असमर्थ महसूस करता है वहां ये योगी बीना भोजन और कपड़े के कैसे जीवित हैं। दोस्तों, ये योगी हिमालय के उन दुर्गम स्थानों पर तप करते हैं जहां आम इंसानों के लिए पहुंचना काफ़ी मुश्किल है और इन्हें देख पाना मानो असंभव होता है, लेकिन हाल ही में एक विडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी ज्यादा viral हुआ है जिसमें एक योगी को -20 Degree से भी कम temperature में लंगोट पहने हुए देखा गया है। बताया जा रहा है कि इस video को एक सैनिक ने record किया है। दोस्तों, इन योगियों को लेकर Experts का मानना है कि इन्होंने कठोर तप करके खुद को इतना strong बना लिया है कि इन पर हिमालय के इस ठंडे वातावरण का भी कोई असर नहीं होता है।

गंगखर पुनसुम 

7570 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गंगखर पुनसुम को दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे रहस्यमयी पर्वत कहा जाता है। भूटान और चीन के बीच स्थित गंगाखर पूनसुम की सबसे रहस्यमयी और हैरान कर देने वाली बात यह है की इस पर्वत को आज तक मापा नहीं जा सका है। वैसे इस पर्वत को मापने का  कई बार प्रयास किया गया है, लेकिन हर बार के आंकड़े अलग अलग आए हैं। इसके साथ ही यह दुनिया में इकलौता ऐसा पर्वत है, जिसकी चोटी पर कोई चढ़ नहीं सका है। भूटानी लोगों द्वारा इस विशाल पर्वत पर अर्धमानव यति होने की बात कही गई है। स्थानीय लोगों के आलावा कई पर्वतारोहियों ने भी यहां यति देखने का दावा किया है, लेकिन जब भारतीय सेना ने भी इस बात पर मोहर लगा दी तो लोग सोचने पर मजबूर हो गए। दरअसल, भारतीय सेना ने ट्वीट कर यह बताया था कि सेना के mountaineers edge expedition team ने Makalu base camp के नजदीक 32*15 Inch वाले यति के पैरों के निशान देखे थें। दोस्तों, कुछ लोग यति को हिम मानव कहकर बुलाते हैं। कहा जाता है कि इनका पूरा शरीर बालों से ढका होता है और यह इंसानों की तरह चलते हैं।

ज्ञानगंज

हिमालय में स्थित ज्ञानगंज मठ एक छोटी सी जगह है जिसे शांग्री-ला, शंभाला और सिद्धआश्रम के नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है कि ज्ञानगंज मठ में केवल सिद्ध महात्माओं को स्थान मिलता है, आम इन्सानों के पहुंच से यह बहुत दूर है। तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश के बीच स्थित इस जगह के बारे में कहा जाता है कि यहां रहने वाले हर किसी का भाग्य पहले से ही निश्चित होता है और यहां रहने वाला हर कोई अमर है। यहां किसी की मृत्यु नहीं होती है। कहा तो यह भी जाता है कि यहां जाने वाले हर इंसान का इस दुनिया से अस्तित्व खत्म हो जाता है। यहां समय जैसा कुछ नहीं है। आपको बता दें, बाल्मीकि के रामायण और महाभारत में भी ग्यानगंज का जिक्र किया गया है। इन ग्रंथों में इसे सिद्धाश्रम कहा गया है। अंग्रेजी लेखक James Hilton ने भी अपनी क़िताब LOST HORIZON, ABOUT THE LOST KINGDOM OF SHANGRI-LA में इस जगह का ज़िक्र किया है।

कोंगका ला दर्रा

हिमालय की गोद में बसा कोंगका ला दर्रा भी किसी रहस्य से कम नहीं है। लद्दाख में स्थित इस जगह पर जाना बेहद ही मुश्किल है क्योंकि यह दर्रा पुरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है। कहा जाता है कि साल 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद एक सहमति हुई, जिसके तहत दोनों देशों के सैनिक इस जगह पर मार्च नहीं कर सकते हैं, बल्कि दूर से ही इसकी निगरानी कर सकते हैं। इस सहमति के बाद से ही यह जगह और भी ज्यादा वीरान हो गई। कहा जाता है कि वीरान होने की वजह से ही यहां एलियंस आते हैं। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि उन्होंने यहां पहाड़ों के ऊपर अक्सर UFO को उड़ते हुए देखा है। कई पर्वतारोहियों ने भी दावा किया है कि यहां के आसमान में UFO को उड़ते हुए देखना बहुत आम है। वैसे अब तक विज्ञान भी इस UFO की पहेली को सुलझा नहीं पाया है। इसलिए कोंगका ला दर्रा में एलियंस के आने का रहस्य अब भी बरकरार है।

गुरुडोंगमार झील

सिक्किम के लाचेन में करीब 5,430 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुरुडोंगमार झील दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि एक बार जब गुरु पद्मसंभव तिब्बत जा रहे थे, तब उन्हें रास्ते में बहुत जोरों की प्यास लगी, लेकिन जब उन्हें रास्ते में पानी का कोई source नहीं मिला तो उन्होंने बर्फ के एक स्थान पर अपना हाथ रख दिया। जिससे यहां एक झील बन गई। कहा जाता है कि कड़ाके की सर्दी के दिनों में भी इस झील के एक हिस्से में बर्फ नहीं जमती है। यह झील सिक्किम, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से होकर बहती हुई अंत में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। यह झील सदियों से स्थानीय लोगों के लिए जल का साधन बना हुआ है। इस झील को सिख बौद्ध और हिंदुओं का पवित्र स्थल माना जाता है। 

Unexplained Atmosphere

दोस्तों, आज जहां शहरों में pollution इस तरह से बढ़ गया है कि लोग सही से सांस भी नहीं ले पा रहे हैं, वहीं हिमालय का Atmosphere आज भी पुरी तरह स्वच्छ बना हुआ है। कहते हैं कि हिमालय की वादियों में रहने वालों को कभी दमा, टीबी, गठिया, संधिवात, कुष्ठ, चर्मरोग, आमवात, अस्थिरोग और नेत्र रोग जैसी बीमारी नहीं होती हैं। हिमालय के range में आने वाले लोगों की health दुनिया के बाकी जगहों पर रहने वाले लोगों के मुकाबले काफ़ी ज्यादा दुरुस्त है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां रहने वाले लोगों की औसतन आयु 100 वर्ष है।

हिमालय ही वह जगह है जहां आज भी देवताओं का वास माना जाता है। यहां का वातावरण काफी एकांत होने की वजह से हमारे ऋषि मुनि यहां तप में लीन रहते हैं।

हिमालय पर गए लोगों का मानना है कि हिमालय पर ऐसी कई अलौकिक शक्तियां विद्यमान है, जिसे देखा तो नहीं जा सकता लेकिन हां, महसूस जरूर किया जा सकता है।

अच्छी और बुरी आत्मा का स्थान

दोस्तों, हिमालय दिन के समय दिखने में जीतना ज्यादा खुबसूरत लगता है, रात के समय यह उतना ही ज्यादा डरावना। यहां रात के वक्त ठहरना अपनी मौत को दावत देने के समान है।

स्थानीय लोगों का मानना है कि दिन ढलते ही यहां के कुछ स्थानों पर बुरी शक्तियां active हो जाती हैं। कुछ लोगों ने तो यहां ऐसे लोगों को देखने का दावा किया है जो पलक झपकते ही आंखों से ओझल हो जाते हैं।

Rohtang pass से गुजरने वाले कई लोग यह दावा करते हैं कि वहां से गुजरने पर उनसे कई ऐसे लोगों ने लिफ्ट मांगे हैं जो देखने में इंसानों से बिल्कुल अलग थें।

हिमालय की तराई से चलकर जब आप टनकपुर से शिवालिक पहाड़ियों पर चढ़ना शुरू करेंगे तो चंपावत से कुछ दूरी पर एक कस्बा है जिसे लोहाघाट कहते हैं। यहीं से एक सीधी चढ़ाई एबट माउंट की तरफ जाती है। कहा जाता है कि Abbott Mountain पर एक बंगला स्थित है जो की हॉन्टेड है। कहा जाता है कि इस बंगले को britishers के समय में Mr. Abbott नाम के एक अंग्रेज ने बनवाया था। यहां वह अपनी family के साथ रहता था। बाद में उसने इसे हॉस्पिटल बनाने के लिए दान में दे दिया था। हॉस्पिटल के बनने के बाद से ही यहां मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। जिसके बाद यहां मरीजों को देखने के लिए डाक्टर मॉरिसन को रखा गया। जिसके बारे कहा जाता है कि यह डॉक्टर भविष्य देख सकता था, वह मरीजों को देखते ही उनके मौत का समय बता देता था। जब यह बात लोगों के बीच फैली तो जांच में सामने आया कि यह डॉक्टर दरअसल, एक मानसिक रोगी था जो मरीजों के मरने का समय बता कर बाद में अपनी भविष्यवाणी को सच साबित करने के लिए उन्हें मार देता था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां इस जगह पर आज भी उन इंसानों की आत्माएं भटकती रहती हैं जिन्हें उस हैवान डॉक्टर ने मारा था। यही वजह है कि आज कोई भी इस भूतिया बंगले में नहीं जाना चाहता है, और अगर कोई जानबूझ कर इस बंगले में जाता भी है तो वह रहस्यमय तरीके मरा हुआ पाया जाता है।

दोस्तों जहां हिमालय पर आपको इस तरह की बुरी आत्माओं के किस्से सुनने को मिल जाएंगे वहीं आपको हिमालय की कुछ जगहों पर ऐसे किस्से भी सुनने को मिले हैं जहां पवित्र आत्माओं ने लोगों की जान बचाई है।

जादुई जड़ी-बूटियां

दोस्तों आपको रामायण में जिक्र होने वाले संजीवनी बूटी के बारे में तो जरूर पता होगा।

दरअसल, हिमालय ऐसी लाखों वनस्पतियों व जड़ी-बूटियां का भंडार है जिससे व्यक्ति के हर तरह के रोग को दूर ही नहीं किया जा सकता बल्कि उसकी उम्र को दोगुना भी किया जा सकता है। लेकिन बस शर्त यह है कि आपको इनकी पहचान होनी चाहिए।

हिमालय में ऐसी भी कई चमत्कारिक जड़ी बूटियां हैं जिनका वर्णन आपको अथर्ववेद, आयुर्वेद जैसे ग्रंथों में मिल जाएगा, लेकिन इन जड़ी बूटियों की पहचान कैसे करनी है यह आज भी एक रहस्य है।

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